Saturday, September 19, 2015

एक बीमारी है सेक्‍स एडिक्‍शन...


भारत में अब तक सेक्‍स एजुकेशन पर खास ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है, नतीजे सामने हैं। एक सर्वे के मुताबिक लगभग 75 फीसदी लड़कियां स्‍कूल में पढ़ने के दौरान ही सेक्‍स संबंध बना लेती हैं। इस उम्र में अगर सेक्‍स एक बार कर लिया जाए तो इसकी लत लगने की बहुत ज्‍यादा संभावना होती है। इसके बाद वह व्‍यक्ति सेक्‍स एडिक्‍ट हो जाता है और बिना सेक्‍स किए उसे सुकून नहीं मिलता।
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एक सर्वे के मुताबिक मेट्रो शहरों में पली-बढ़ी ये पीढ़ी एक दिन में 38 घंटे का काम निपटा रही है। इसमें चैटिंग, ब्राउजिंग, फोन पर बातचीत, एसएमएस, शराब पीना और सेक्स तक शामिल है। ये बात भी सामने आई है कि 12वीं में पढ़ने वाले कई छात्र तो हर वक्त पॉकेट में कॉन्डोम लेकर घूमते हैं। ये सोचकर कि न जाने कब इसकी जरुरत पड़ जाए। मेट्रो शहरों के इन लड़के-लड़कियों के बीच मल्टीपल डेटिंग का कॉन्सेप्ट तेजी से फैल रहा है। यानी एक ही वक्त में एक से ज्यादा बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड। इतना करने के बाद भी किसी से कुछ छिपाने की जरूरत नहीं, क्योंकि ये पीढ़ी फ्रेंड्स विद् बेनिफिट में यकीन रखती है। यही वजह है कि यह पीढ़ी धीरे-धीरे सेक्‍स एडिक्‍ट होती जा रही है।

कहीं आप भी तो नहीं! क्‍या आपको बार-बार सेक्‍स करने का मन करता है? या फिर आपको पोर्न मूवीज़ व चित्र देखना बहुत पसंद है। यदि ऐसा आपके साथ होता है, तो सतर्क हो जाइये, क्‍योंकि ये सभी सेक्‍स की लत लग जाने के गुण हैं। दरसअल, हर वो चीज़ जो सामान्‍य से अधिक हो वो लत है और बुरी लत हमेशा व्‍यक्ति को पर नकारात्‍मक असर छोड़ती है।

सेक्‍स की लत... चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर सेक्‍स कब बुरी लत में बदल जाता है। इसे सेक्‍सुअल एडिक्‍शन भी कहते हैं। सीधी भाषा में कहें तो जब यौन क्रियाएं कंट्रोल से बाहर हो जाएं तो उसे सेक्‍स की लत कहते हैं। जिस व्‍यक्ति को यह लत लग जाती है वो अपना अधिकांश समय यौन क्रियाओं में व्‍यतीत करना पसंद करता है। उसे जब मौका मिलता है, तब वो सेक्‍स के बारे में सोचने लगता है। इससे उसके व्‍यवहार में भी बदलाव आता है, जिसका असर उसके निजी, सामाजिक और व्‍यवसायिक जीवन में पड़ता है।
जब स्त्रियों को लगती है सेक्‍स की लत सेक्‍स की लत सिर्फ पुरुषों को ही नहीं लगती, स्त्रियां भी इसका शिकार हो सकती हैं। ऐसा होने पर वो भी पोर्नोग्राफी, टेलीफोन सेक्‍स, इंटरनेट सेक्‍स, आदि करने लगती हैं।इसी कारण कई बार लड़कियां वेश्‍यावृत्ति में भी पड़ जाती हैं। यही कारण है कि 40 प्रतिशत लड़कियों का अनचाहा गर्भधारण इसी लत की वजह से होता है।

वैवाहिक जीवन तबाह हाल ही में हुए एक अध्‍यन की मानें तो सेक्‍स एडिक्‍शन की वजह से 70 प्रतिशत लोगों के वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। 40 प्रतिशत के साथी उन्‍हें छोड़ देते हैं। 72 प्रतिशत आत्‍महत्‍या के प्रयास करते हैं, 68 प्रतिशत लोग यौन जनित बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और 27 प्रतिशत लोगों का कॅरियर चौपट हो जाता है।
हालांकि सेक्‍स एक्‍सपर्ट्स की मानें तो सेक्‍स करने में कोई बुराई नहीं है, बशर्ते इसे लत न बनाया जाए। अगर सेक्‍स नियमित अंतराल पर सेक्‍स किया जाए, तो इसका शरीर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऐसा नहीं है कि सेक्‍स न करें। सेक्‍स करें, लेकिन इसे लत न बनाएं। 

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